Durga Mantra in Hindi | Maa Durga Mantra in Hindi | माँ दुर्गा मंत्र

Durga Mantra in Hindi: शुक्रवार के दिन को माँ दुर्गा को समर्पित किया जाता हैं। मान्यता है कि अगर इस दिन Maa Durga Mantra का जाप सच्चे मन से किया जाए तो व्यक्ति को विशेष फल की प्राप्ति होती है। यह अत्यंत कल्याणकारी होता है। जागरण अध्यात्म के इस लेख में हम आपको दुर्गा माता के 4 मंत्रों के बारे में बता रहे हैं जिनके उच्चारण से जीवन भय एवं बाधारहित हो जाता है।

साथ ही समस्त सुखों की प्राप्ति होती है। इस दिन पूजा करते समय मां दुर्गा के स्वरूपों का स्मरण करें और निम्न मंत्रों का जाप सच्चे मन से करें तो व्यक्ति को सफलता प्राप्त होती है। सिर्फ शुक्रवार को ही नहीं बल्कि इन मंत्रों का जाप आप रोजाना भी कर सकते हैं। मंत्रों का जाप करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि इनका उच्चारण ठीक तरह से किया जाए। आइए पढ़ते हैं मां दुर्गा के ये 4 प्रिय Durga Mantra in Hindi

Durga Mantra in Hindi 

1.

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।

शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।

2.

ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।

दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

3.

या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

4.

नवार्ण मंत्र

‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै’
इस मंत्र का जाप अधिक से अधिक अवश्‍य करें।

Durga Saptashati Mantra in Hindi

दुर्गा सप्तशती मंत्र

1. महमासी से मुक्ति के लिए

ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।

दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।

2. रोगों से मुक्ति के लिए

रोगानशेषानपहंसि तुष्टा, रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।

त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां, त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।।

3. विश्व कल्याण के लिए

विश्वेश्वरि त्वं परिपासि विश्वं, विश्वात्मिका धारयसीति विश्वम्।

विश्वेशवन्द्या भवती भवन्ति, विश्वाश्रया ये त्वयि भक्ति नम्रा:॥

4. सौभाग्य प्राप्ति के लिए

देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्‌।

रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि॥

5. बुरे वक्त के लिए 

शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे।

सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते॥

6. विपत्ति को दूर रखने के लिए

देवि प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद प्रसीद मातर्जगतोखिलस्य।

प्रसीद विश्वेश्वरी पाहि विश्वं त्वमीश्वरी देवि चराचरस्य।।